कलिसंवत (Kalisvant) (3102 B.C.): महाभारत युद्ध व राजा परीक्षित के जन्म के समय से आरंभ
सप्तर्षि संवत (Saptarshi Samvat) (3076 B.C.): इसे लौकिक संवत भी कहा जाता है। कलिसंवत के 25 वर्ष बाद कश्मीर में प्रचलित था।
बुद्ध संवत (Buddha era) (544 B.C.): श्रीलंका की गणना अनुसार बुद्ध संवत 544 B.C. में प्रारंभ हुआ। महात्मा बुद्ध के निर्वाण की वास्तविक तिथि 486 B.C. थी।
महावीर संवत (Mahavir era) (527 B.C.): महावीर स्वामी द्वारा आरंभ, इस संवत का प्रयोग जैन-सभा से संबोधित गणनाओं में हुआ है।
विक्रम संवत (Vikram era) (58 B.C.): मालव के शासक राजा विक्रमादित्य द्वारा उज्जैयिनी में शकों पर विजय प्राप्त करने के उपरांत चलाया था। इसे मालवा संवत भी कहते हैं।
ईसामसीह का जन्म (Christ’s birth): ईसामसीह का जन्म प्रथम शताब्दी माना गया जिसमें पहले का काल B.C. और बाद का A.D. कहलाया।
शक संवत (Saka era) (78 A.D.): कुषाणराजा कनिष्क द्वारा शकों पर विजय के बाद शक संवत शुरू किया गया जिसे भारत सरकार द्वारा 22 मार्च 1957 को आधिकारिक कैलेंडर घोषित किया गया। इसे शालिवाहन संवत भी कहते हैं। यह भारत का राष्ट्रीय संवत है।
कल्चुरी संवत (Kalchuri era) (248 A.D.): आभारी राजा ईश्वरसेन के बाद में चेदि के कल्चुरियों द्वारा प्रयुक्त होने पर यह कल्चुरी संवत कहलाया।
गुप्त संवत (Gupt era) (319 A.D.): गुप्तवंशीय शासक चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा गुप्त संवत प्रारम्भ हुआ।
हर्ष संवत (Harsh Samvat) (606 A.D.): कन्नौज के शासक हर्षवर्धन द्वारा राज्यारोहण के समय हर्ष संवत प्रारम्भ किया गया।
हिजरी संवत (Hijri era) ( 622 A.D.): 622 ई. से हिजरी संवत का आरंभ हुआ। यह तिथि हजरत मुहम्मद साहब का मक्का त्याग कर मदीना जाने की स्मृति में है। मदीना जाने को हिजरत कहा जाता है।
कोल्लम संवत (Kollam era) (825 A.D.): कल्याणी के चालुक्य शासक विक्रमादित्य-4 द्वारा मालाबार केरल क्षेत्र में प्रारम्भ था। इसे चालुक्य विक्रमसंवत कहा जाता है।
इलाही संवत (Elahi era) (1583 A.D.): मुगल सम्राट अकबर द्वारा इलाही संवत प्रारम्भ किया गया।
राजशक (Rajshak) (1673 A.D.): मराठा शासक छत्रपति शिवाजी द्वारा राज्यारोहण के उपलक्ष्य में राजशक प्रारम्भ हुआ।
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